इश्क़ की राह में दो ही मंज़िले है
दिल में उतर जाना, या दिल से उतर जाना…
मिलने का वादा कर गयी थी,
वापस लौट आउंगी ये कहकर गयी थी,
आई है अब वो जनाज़े पे मेरे,
वादा वो अपना निभाने चली थी!!
आरजू नहीं के ग़म का तूफान टल जाये,
फ़िक्र तो ये है तेरा दिल न बदल जाये,
भुलाना हो अगर मुझको तो एक एहसान करना,
दर्द इतना देना कि मेरी जान निकल जाये!!