15 August Shayari-15 अगस्त शायरी 

जब “इश्क और क्रांति” का अंजाम एक ही है, तो राँझा बनने से अच्छा है भगतसिंह बन जाओ

आजादी की कभी शाम नही होने देंगे, शहीदों की क़ुरबानी बदनाम नही होने देंगे, बची हो जो एक बूंद भी लहू की, बची हो जो एक बूंद भी लहू की, तब तक भारत माता का आंचल निलाम नही होंगे देंगे

कुछ नशा तिरंगे की आन का है, कुछ नशा मातृभूमि की मान का है, हम लहराएंगे हर जगह इस तिरंगे को, हम लहराएंगे हर जगह इस तिरंगे को, ऐसा नशा ही कुछ हिंदुस्तान की शान का हैं।

अब तक जिसका खून न खौला, खून नहीं वो पानी है जो देश के काम ना आये, वो बेकार जवानी है, 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस की बधाई

ना जियो धर्मं के नाम पर, ना मरो धर्मं के नाम पर, इंसानियत ही है धर्मं वतन का, बस जियो वतन के नाम पर

फांसी चढ़ गए और सीने पर गोली खायी, हम उन शहीदों को प्रणाम करते हैं, जो मिट गए देश पर, हम उनको सलाम करते हैं

वतन हमारा मिसाल है मोहब्बत की, तोड़ता है दीवारें नफरत की, ये मेरी खुश नसीबी है जो मिली जिन्दगी इस चमन में… और भुला न सके कोई भी इसकी खूशबु सातों जनम में

कांटों में भी फूल खिलाएं इस धरती को स्वर्ग बनाएं आओ, सब को गले लगाएं हम स्वतंत्रता का पर्व मनाएं

दे सलामी इस तिरंगे को जिससे तेरी शान है सर हमेशा ऊंचा रखना इसका जब तक तुझमें जान है

कुछ नशा तिरंगे की आन का है, कुछ नशा मातृभूमि के मान का है हम लहराएंगे हर जगह इस तिरंगे को, ऐसा नशा ही कुछ हिंदुस्तान की शान का है