आंशुओ पर हिंदी शायरी -aanshuo par hindi shayari

दिले नादान को समझाए कैसे मोहब्बत में ये तो होना ही था, तूने दिल लगाया अमीरों से आंखो को तो गीला होना ही था

एक दिन करोगे याद प्यार के ज़माने को, जब हम चले जाएँगे ना वापिस आने को, जब महफ़िल मे चलेगा ज़िक्र हमारा तो, तन्हाई ढूँढोगे तुम भी आँसू बहाने को।

सदियों बाद उस अजनबी से मुलाक़ात हुई, आँखों ही आँखों में चाहत की हर बात हुई, जाते हुए उसने देखा मुझे चाहत भरी निगाहों से, मेरी भी आँखों से आंसुओं की बरसात हुई।

जब्त-ए-गम कोई आसान काम नहीं फराज, आग होते है वो आँसू जो पिए जाते हैं।

. मेरी आँखों में आँसू नहीं बस कुछ नमी है, वजह तू नहीं बस तेरी ये कमी है।

मेरी आँखों से गिरे हैं यह जो चंद कतरे जो समझ सको तो आँसू न समझो तो पानी

रूठा था जिस गुरुर से वो भी तो याद कर आँखों में तेरी आज यह आँसू फजूल हैं

जज़्बातों के खेल में मुहब्बत के सबूत न मांग हमसे मैंने वो आंसू भी बहाए हैं जो मेरी आंखों में न थे 

वो आती नही पर निसानी भेज देती हैं.. ख्वाबो में दास्तां पुरानी भेज देती हैं.. कितने मिठे है उनके यादो के मंजर.. कभी-कभी आखो में पानी भेज देती हैं..।

अच्छा हुआ ये आँसू बेरंग है वरना हर सुबह..मेरे तकिये का बदला हुआ रंग मेरी तन्हाई की हकीकत ब्यान कर देता

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