मैं उस किताब का आख़िरी पन्ना था, मैं ना होता तो कहानी ख़त्म न होती
बहुत अन्दर तक तबाही मचाता है वो आंसू !! जो आँखों से बह नहीं पाता
अब कोई मुझको दिलाये न मोहब्बत का यक़ीन ! जो मुझे भूल न सकते थे वही भूल गए !!