बिखरे अश्कों के मोती हम पिरो न सके,
तेरी याद में सारी रात सो न सके,
मिट न जाये आँसुओं से याद,
यही सोच कर हम रो न सके
वो नहीं आती पर निशानी भेज देती है,
ख्वाबो में दास्तान पुरानी भेज देती है,
कितने मीठे हैं उसकी यादों के मंजर,
मेरी आँखों में नमकीन पानी भेज देती है
किसी की यादों को रोक पाना मुश्किल है,
रोते हुए दिल को मनाना मुश्किल है,
ये दिल अपनों को कितना याद करता है,
ये कुछ लफ़्ज़ों में बयां कर पाना मुश्किल है
दूर है आपसे तो कुछ गम नहीं।
दूर रह कर भूलने वाले हम नहीं।
रोज़ मुलाक़ात न हो तो क्या हुआ।
आपकी याद आपकी मुलाक़ात से कम नहीं
जुदा होकर भी सताने से बाज़ नहीं आते,
दूर रहकर भी वो दिल जलाने से बाज़ नहीं आते,
हम तो भूलना चाहते हैं हर एक याद उनकी,
मगर वो ख्वाबों में आने से भी बाज़ नहीं आते
उसकी यादों को किसी कोने में छुपा नहीं सकता,
उसके चेहरे की मुस्कान कभी भुला नहीं सकता,
मेरा बस चलता तो उसकी हर याद को भूल जाता,
लेकिन इस टूटे दिल को मैं समझा नहीं सकता
अकेलेपन का इलाज़ होती हैं यादें,
बहुत ही हसीन सी होती हैं यादें,
यूँ तो बोलने को कुछ भी नहीं हैं,
पर माने तो अपना ही साया हैं यादें
नींद आँखों में नहीं वो ख्वाब खो गए,
तन्हा ही थे, कुछ तेरे बिन हम हो गए,
दिल कुछ तड़प उठा, ज़ुबान भी लड़खड़ाई,
तेरी याद में दो आँसू चुपके से बह गए
मुझे नींद की इजाजत भी
उनकी यादों से लेनी पड़ती है,
जो खुद आराम से सोये हैं
मुझे करबटो में छोड़ कर