याद शायरी - Yaad Shayari
भूल जाएंगे हम याद तुम भी ना रखना, मैं ठीक हूं फिक्र मेरी तुम भी ना करना।
न कोई छत्रछाया है, न कोई मोह माया है, बारिश से ज्यादा तो मुझको, तेरी यादों ने भिगाया है
गुजरी थी जो कल शाम सामने से मेरे, उसी की याद में मैंने सारी रात गुजार दी
क्या खूब होता जो यादें भी रेत होती…. मुट्ठी से गिरा देते पाँवों से उड़ा देते
बिखर जाती है खुशबू सी तुम्हारी याद आते ही, न जाने कौन सा सावन है जो बिन मौसम बरसता है।
जिसकी यादों में रात गुजर जाती है, जिसकी लिए आँखें भर आती है, मुश्किल है उसको ये कह पाना, तेरे बिन धड़कन भी थम जाती है
नींद को आज भी शिकवा है मेरी आँखों से, मैंने आने न दिया उसको तेरी याद से पहले
एक कतरा ही सही आँख में पानी तो रहे, ऐ मोहब्बत तेरे होने की निशानी तो रहे, बस यही सोच के यादों को तेरी दे दी पनाह, इस नये घर में कोई चीज पुरानी तो रहे
ये मत कहना कि तेरी याद से रिश्ता नहीं रखा;
मैं खुद तन्हा रहा मगर दिल को तन्हा नहीं रखा